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Saturday 28 February 2015

बजट ने काटी जेब

ये है मोदी सरकार...पूर्ण बहुमत की सरकार...विकास करने वाली सरकार...महंगाई कम करने वाली सरकार...लेकिन जनता को सरकार कम, बोझ अधिक लग रही है...बोझ लगे भी क्यों ना...कहते हैं कि सत्ता का नशा शराब से कई गुना अधिक होता है...मोदी सरकार भी पिछले साल आम चुनाव में मिली एतिहासिक जीत से अहंकार के सातवें आसमान पर पहुंच गयी...उससे भी अधिक उड़ान तब मिली जब ताबड़तोड़ हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू कश्मीर में शानदार प्रदर्शन किया तो अहंकार की सीमा पाताल में पहुंच गयी...लेकिन देश की राजधानी दिल्ली जो खुद पूरा नहीं बल्कि अधूरा है और पार्टी जो पुरानी नहीं बिल्कुल नई और अनुभवहीन रही...उसने तो हिंदुस्तान में दूसरे नंबर की पार्टी बीजेपी को ऐसी पटखनी दी...जो इतिहास के पन्ने में हमेशा के लिए दर्ज हो गया...वहां ना मोदी का जादू का चला..ना बीजेपी की आंधी...वहां तो आम आदमी ने पूरी तरह से झाड़ू चलाकर कईयों की जमानत पर ताला लगा दिया...उस ताले को खोलने के लिए बीजेपी के पास भी कोई चाबी नहीं है...

खैर जनता की अरदास को उस समय गहरी ठेस पहुंची...जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में अपनी पोटली खोली...पोटली खुली तो कही खुशी कहीं गम से माहौल सराबोर हो गया और जनता के अच्छे दिनों की आरजू का ख्वाब चकनाचूर हो गया...सर्विस टैक्स को 12.36% से बढ़ाकर 14% कर जनता की जेब पर डाका डाला...7.4 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाकर दो अंकों में पहुंचाने का लक्ष्य है...लक्ष्य कुछ भी हो ये तो आप ही जानते हैं साहब...राजकोषीय घाटा, विदेशी मुद्रा भंडार का लक्ष्य पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है...लेकिन उसका ये मतलब कतई नहीं निकलता कि आम आदमी की जेब पर डाका डालकर उसकी भरपाई की जाय...आम आदमी आंकड़ों की बाजीगरी को नहीं जानता...आम आदमी को सिर्फ इससे मतलब होता है...चावल, दाल और आटे के दाम में कितनी कटौती की गयी है...लेकिन यहां तो सरकार ने छल छद्म का ऐसा खेल खेला...जिसे समझने में जनता के भी पसीने छूट जाएंगे और सरकार आंकड़ों की जादूगरी का डंका पीट रही है...जबकि दिन में जेब काटने से भी संतोष नहीं हुआ और शाम को डकैती डाल कर जनता को लूट लिया...पहले बजट का शॉट देने के बाद डीजल पेट्रोल की कड़वी घूंट पिलाकर बेहोश कर दिया..फिर क्या जी भर कर लूटपाट मचाया...अब जनता करे भी क्या...अच्छे दिन आने से रहे...हां महंगाई के अच्छे दिन जरूर आ गए....

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