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Tuesday 8 July 2014

गरीब विरोधी मोदी का रेल बजट



मोदी सरकार का रेल बजट पेश 
जनरल क्लास का नहीं जिक्र
वाह री मोदी सरकार का रेल बजट
क्या यही है जनादेश का सम्मान ?
गौड़ा के बजट में कहां खो गया देश का गरीब ?
क्या यही है सबका साथ सबका विकास ?
अमीरों की हिफाजत गरीबों की फजीहत क्यों ?

केंद्र की नई सरकार ने अपना पहला रेल बजट पेश किया...लेकिन मोदी सरकार का ये बजट गरीबों को मुंह चिढ़ा रहा है...यही नरेंद्र मोदी चुनाव के दौरान रोज गरीबों की बात किया करते थे लेकिन उन्ही की सरकार के बजट से गरीब आदमी नदारद है। मोदी एक्सप्रेस पर सवार होकर गौड़ा साहब बुलेट बजट लेकर जैसे ही लोकसभा में दाखिल हुए तो जनता का दिल और भी तेजी से धड़का। लेकिन जैसे ही बजट का पिटारा खुला तो। आम आदमी की धड़कनें कुछ देर के लिए थम ही गयी। उनके सपने चूर चूर हो गए। बजट देखकर ये पूछने का मन जरूर करता है कि प्रधानमंत्री जी क्या यही है सबका साथ, सबका विकास। आपके बजट में कहां है देश का गरीब। मध्यम और निचले तबके को हर बार की तरह इस बार भी बेबसी और लाचारी के शिवा कुछ नहीं मिला। सामान्य बोगियों के बढ़ाने या उसमें सुविधा बढ़ाने पर सरकार पूरी तरह मौन रही। इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट पर फूले नहीं समा रहे हैं। पिछली सरकार में जिस एफडीआई के खिलाफ बीजेपी लोकसभा में कोहराम मचाती रही। दिन रात सरकार को कोसती रही। वही बीजेपी अब एफडीआई के सहारे सरकार चलाना चाहती है। रक्षा के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई के बाद अब रेलवे में भी एफडीआई को बढ़ावा देगी। सरकार को सिर्फ और सिर्फ अमीरों  औऱ पूंजीपतियों की चिंता है। तो वही कहावत याद आती है कि दूसरों को नसीहत और खुद मियां फजीहत।



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