Sunday 7 October 2018

इन 17 जिलों में सबने छोड़ा था 'हाथ' का साथ, 16 जिलों में मिली एक-एक सीट

भोपाल.मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम की उलटी गिनती शुरु हो गई है. जिसके चलते अब सूबे की फिजाओं में सियासी सरगर्मियां और जोर पकड़ेंगी. वहीं, चुनावी दंगल में विरोधी एक दूसरे को पछाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहेंगे. फिलहाल, सूबे की सियासी फिजा पर भगवा रंग चढ़ा हुआ है, जिसे कांग्रेस इस बार फीका करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है, जिसके चलते इस बार मुकाबला कांटे का होगा.

मध्यप्रदेश में पिछले तीन चुनावों से बीजेपी कांग्रेस को पटखनी देती आ रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 165 सीटें जीतकर सत्ता के शिखर पर पहुंची थी, जबकि कांग्रेस को महज 58 सीटें ही मिली थी. लेकिन, पिछली बार बीजेपी की इस जीत में 52 जिलों वाले मध्यप्रदेश के 17 जिलों के मतदाताओं ने अहम भूमिका निभाई थी. इन जिलों के अंतर्गत आने वाली 65 विधानसभा सीटों में से 64 सीटें जीतकर बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. जहां कांग्रेस को एक अदद सीट भी हासिल नहीं हुई थी.

इन जिलों में कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट
दतिया, उमरिया, बैतूल, होशंगाबाद, रायसेन, शाजापुर, देवास, उज्जैन, रतलाम, नीमच, खंडवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, नरसिंहपुर, रतलाम, झाबुआ, आगर. ये वो जिले हैं जिनमें पिछली बार कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था या यूं कहें कि इन जिलों से कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया था, जहां इस बार धाक जमाने की जुगत में कांग्रेस हर पैंतरे आजमा रही है.

इन जिलों में महज एक सीट पर मिली थी जीत
वहीं, सागर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, कटनी, शहडोल, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, हरदा, राजगढ़, सीहोर, इंदौर, मंदसौर, श्योपुर, भोपाल इन जिलों में कांग्रेस को महज एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था.

मालवा-निमाड़ में बुरी तरह पिछड़ गयी थी कांग्रेस 
मध्यप्रदेश में सत्ता की चाबी कहे जाने वाले मालवा-निमाड़ अंचल में भी कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. यहां के 11 जिलों में कांग्रेस का खाता नहीं खुलने की वजह से सूबे में उसे इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कांग्रेस इस बार यहां पूरी ताकत के साथ मैदान में दिख रही है. यही वजह है कि कांग्रेस चुनाव अभियान की शुरुआत उज्जैन से किया है. 

इस बार पूरी तैयारी में दिख रही कांग्रेस
भले ही कांग्रेस पिछली बार 17 जिलों में अपना खाता तक नहीं खोल पायी थी. लेकिन, इस बार वह पूरी तैयारी के साथ मैदान में दिख रही है. चुनावों से पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार चुनावी जंग फतह करने की जुगत में है. वहीं, इन 17 जिलों पर भी कांग्रेस की विशेष नजर रहेगी. जहां वह इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी.

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