Thursday 12 July 2018

जिसने आपके लिए सबकुछ छोड़ा, कभी नहीं छोड़ना उसका हाथ

ढाई अक्षर का प्यार तीन अक्षर के भरोसे के बिना अधूरा रहता है क्योंकि जब तक भरोसा पुख्ता नहीं होता तब तक प्यार के अंकुर नहीं फूटते और प्यार के अंकुर फूटते भी हैं तो उसके पेड़ बनने की संभावना बिल्कुल भी नहीं होती है। भरोसा कहने के लिए एक छोटा सा शब्द है। लेकिन इस शब्द की गहराई और विशालता इतनी है कि इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, कोई इसे पाने के लिए मरता है तो कोई इसके खो जाने के डर में जीता है, जबकि कोई साबित करने के लिए दिन-रात जूझता है। जिसने भरोसा जीत लिया है, उसके लिए उस भरोसे को कायम रखने की चुनौती होती है क्योंकि इस भरोसे में शक का एक भी तिनका पड़ा तो भरोसे की इमारत पलक झपकते ही जमींदोज हो जाती है, फिर वह इमारत कभी वैसी नहीं बन पाती और बनी तो उसके गिरने का खतरा हर पल मंडराता रहता है।

इश्क-मोहब्बत की दुनिया में भरोसे के बिना कुछ भी नहीं होता, इसी भरोसे के दम पर कोई भी लड़का किसी अजनबी लड़की का हाथ पकड़ लेता है, जबकि यही भरोसा किसी भी लड़की को उसकी पुरानी दुनिया से जुदा कर देती है। उस भरोसे के आगे वह अपने मां-बाप व परिवार का भरोसा भी तोड़ देती है। ऐसा करने के बाद उसके पास सिर्फ एक ही कंधा होता है जिस पर वह अपना सिर रखकर आंसू बहा सकती है, उसी कंधे के सहारे उठकर खड़ी हो सकती है, लेकिन ऐसे में उसके बेसहारा होने का चांस भी बना रहता है। जो लड़की किसी लड़के पर भरोसा करके अपना घर-परिवार मां-बाप सब छोड़ जाती है, भरोसा टूटने पर न तो उसे समाज स्वीकार करता है, न परिवार। इसलिए लड़कियों को भी चाहिए कि बहुत सोच समझकर जिंदगी का फैसला करें क्योंकि लड़कों के लिए घर वापसी के भी चांस रहते हैं और उन्हें कुछ वक्त बाद समाज भी स्वीकार कर लेता है, जबकि ऐसा लड़कियों के साथ नहीं होता।

वहीं लड़के के लिए भी जरूरी है कि किसी लड़की का हाथ तभी थामे, जब वह ताउम्र उसका साथ निभा सके क्योंकि कई बार लड़के मौज-मस्ती के चक्कर में किसी लड़की को उसके घर परिवार से जुदा करके पूरी उम्र के लिए बेसहारा कर देते हैं, जो लड़के ऐसा करते हैं, उनको भी सोचना चाहिए कि यदि उनके परिवार की किसी लड़की के साथ कोई लड़का ऐसा करे तो फिर उनको कैसा लगेगा। इसलिए हमेशा दोनों को एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। अगर आप भी किसी से मोहब्बत करते हैं तो उस मोहब्बत के लिए जीना सीखिए, उस इश्क के लिए मरना सीखिए या फिर इश्क-विश्क के चक्कर में पड़ने से तौबा कर लीजिए।

एक लड़की जो किसी लड़के के प्यार में जीने-मरने को तैयार रहती है। उसके लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार होती है, किसी लड़की के लिए उसकी आबरू से बढ़कर कोई और कुर्बानी हो नहीं सकती, लेकिन अपने प्रेमी पर वह अपनी आबरू भी बड़े शौक से लुटा देती है क्योंकि वह इस उम्मीद में ऐसा करती है कि उसकी पूरी दुनिया वही है, उसी के दम पर वह इस जमाने से भी लड़ लेगी, बहुत बार ऐसा होता भी है, लेकिन कहते हैं कि एक मछली पूरे तालाब को बदनाम कर देती है, बस यही बदनामी कभी-कभार मर्द जाति के किसी एक तिनके द्वारा कर दी जाती है, जिसका खामियाजा कइयों को भुगतना पड़ता है क्योंकि उसे देखकर कई लोग उस युवती को आगाह करते हैं तो कई उसको सतर्क रहने के तौर-तरीके बताते हैं। फिर वह लड़की भी उस मंजर को देखकर अंदर तक सिहर जाती है, हर पल इस खौफ में जीने लगती है कि न जाने उसका क्या होगा। हालांकि, लड़कियां भी बेवफाई करने में पीछे नहीं रहती हैं, बहुत बार ऐसा भी होता है जब लड़कियां ज्यादा पैसेवालों का साथ पाकर पुराने साथी का साथ छोड़ देती हैं।

यूं तो प्यार कुर्बानी का दूसरा नाम होता है, प्यार की अग्नि में तपकर जो निकलते हैं वही लैला-मजनू या हीर रांझा जैसे मशहूर होते हैं। वरना न जाने कितने अनाम प्यार अंधेरी गली में गुम हो जाते हैं। लिहाजा जो भी आपके बुरे वक्त में साथ दे, आपके आंसुओं पर अपना लहू न्यौछावर करे, ऐसे लोगों से दगा करने से बचें क्योंकि ऐसे सच्चे लोग बहुत कम ही मिलते हैं। खासकर जो लोग आप पर विश्वास करते हैं, उनका विश्वास कभी भी न तोड़ें क्योंकि विश्वास जब टूटता है तो आवाज भले ही न हो, लेकिन उसकी चीख बहुत दूर तक सुनाई पड़ती है। विश्वास की इमारत जब गिरती है तब उस मलबे में न जाने कितनी विश्वास के बुत दब जाते हैं। इसलिए जिस किसी को भी सच्चा प्यार करने वाला मिले, संभव हो तो उसका हाथ जीवन भर के लिए पकड़ ले और उस प्यार की नवीनता हमेशा बनाये रखने की कोशिश भी करें, उस प्यार के बीच किसी तीसरे को बिल्कुल भी प्रवेश न करने दें। जब तक प्यार की उस इमारत में तीसरे की एंट्री बैन रहेगी, तब तक वह प्यार जिंदा रहेगा, इसलिए अपने प्यार के बीच किसी और को न आने दें और अपने प्यार को हमेशा जिंदा रखें, दिल में समाज में किस्से-कहानियों में किताबों में, तभी आपका प्यार सार्थक होगा, आपके प्यार की लोग मिसाल देंगे।

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