हिंदुस्तान की एक ऐसी
शख्सियत, जिसका लोहा पूरी दुनिया ने माना...जिसके मजबूत इरादों ने दुनिया का
इतिहास ही नहीं, बल्कि भूगोल को भी बदलकर रख दिया...जिसके परिणाम से दुनिया के
नक्शे में एक और राष्ट्र का उदय हुआ...जिसका नाम है बांग्लादेश...अब आप समझ गए
होंगे की यहां पर किस शख्सियत की बात हो रही है...जी हां हम बात कर रहे हैं...देश
की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का...जिन्हे आयरन लेडी के नाम से भी जाना
जाता है...भले ही इंदिरा जी दुनिया में नहीं हैं...लेकिन उनका नाम इतिहास के
पन्नों में हमेशा के लिए अमर है...और महात्मा गांधी के बाद दूसरी शख्सियत
हैं..जिन्हे सबसे मशहूर भारतीय होने का खिताब मिला है...96 साल पहले 19 नवंबर को
जवाहर लाल नेहरू के घर इस आयरन लेडी का आगमन हुआ था...जिसकी 97वीं जयंती है...और
शक्ति का प्रतीक रही इंदिरा जी की समाधि ‘शक्ति स्थल’ पर राष्ट्रपति प्रणब
मुखर्जी...उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी...पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह...कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी...उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के तमाम दिग्गजों ने
इंदिरा जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया...साथ ही देश में जगह जगह लोगों ने इंदिरा जी
के साहस को सलाम किया...जो हिंदुस्तान के सबसे साहसी प्रधानमंत्रियों में शुमार
रही...दिसंबर 1971 में अमेरिकी
धमकी
से बेपरवाह इंदिरा ने पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी की मदद का फैसला कर इतिहास रचा...अमेरिका
पाकिस्तान का साथ दे रहा था...लेकिन इंदिरा ने सोवियत यूनियन के साथ समझौता किया...और
अमेरिकी दबाव में आए संयुक्त राष्ट्र के युद्ध विरोधी प्रस्ताव पर...वीटो लगाने
में कामयाबी पाई...ये भारतीय कूटनीति का नया चेहरा था...जिसे देखकर दुनिया दंग रह
गई...और संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोई हस्तक्षेप करता...इससे पहले ही सेनाएं वापस आ गईं...अमेरिका
का सातवां बेड़ा खड़ा ही रह
गया...हैरान
अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इंदिरा को चालाक लोमड़ी कहकर भड़ास निकाला...लेकिन भारतीयों की नजर
में इंदिरा साक्षात देवी बन गईं...एक ऐसी देवी जिसने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर
मजबूर कर दिया...और हजारों साल तक भारत से जंग लड़ने का ऐलान करने वाले...पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली
भुट्टो
को...शिमला में समझौते की मेज पर आना पड़ा...लेकिन उन्ही के वंशज उनकी धरोहर भी संभाल नहीं पा रहे हैं...
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