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Wednesday 19 November 2014

पांव पसारता खाप



खाप का नाम सुनते ही दिल दहल जाता है...और दिमाग किसी अनहोनी की आशंका से ग्रस्त हो जाता है...हिंदुस्तान आजादी के पचास से अधिक बसंत देख चुका है...लेकिन समाज के कुछ लोगों की सोच अब भी नहीं बदली है...मुल्क आजाद है..दिन रात तरक्की कर रहा है...और दुनिया में विकास का डंका भी बजा रहा है...लेकिन समाज की दकियानूसी सोच मुल्क की चमक पर चूना लगा रही है...अब सवाल है कि आखिर खाप पंचायतों को कानून से डर क्यों नहीं लगता है...राजस्थान, हरियाणा, यूपी जैसे कई राज्यों में खाप का आतंक इस कदर छाया है..कि आए दिन लोगों के अधिकारों को खुलेआम नीलमा कर दिया जाता है...और प्रशासन बुत बनकर देखता रहता है...यूपी के मुजफ्फरनगर के शाहपुर थानाक्षेत्र में 36 बिरादरियों के खाप मुखि‍याओं ने पंचायत में लड़कियों को व्हाट्सएप, फेसबुक, इंटरनेट, मोबाइल के इस्तेमाल और जींस पहनने पर पाबंदी लगा दी है...एक देश, एक कानून, एकल नागरिकता, महिला पुरूष को बराबरी का अधिकार...फिर लड़कियों के साथ ये नाइंसाफी क्यों...कानून को ताक पर रख लोगों को लड़कियों की हत्या करने के लिए उकसाया जा रहा है...लड़की के नहीं मानने पर गंगा में फेंकने की झमकी दी जा रही है...सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार कर खाप अपना निर्णय सुनाने की धमकी दे रहा है...सगोत्र विवाह करने वालों को पागल की श्रेणी में रखने उन्हे मौत के घाट उतारने की चेतावनी दे रहा है...अब लड़कियों पर फिर से नई पाबंदी...क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है...या खाप के सामने प्रशासन मजबूर है..आखिर प्रशासन खाप पर अंकुश लगाने से दूर क्यों भाग रहा है...अगर खाप पर पाबंदी नहीं लगाई जाती तो आए दिन लोग खाप के खौफ से या तो मरते रहेंगे या मार दिए जाएंगे...या खुलेआम उनके अधिकारों को नीलाम किया जाएगा...


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